सिमेज कॉलेज में आयोजित हुआ ‘पुरूलिया छऊ नृत्य’ का कार्यक्रम - ‘महिषासुर मर्दिनी’
नवरात्र के अवसर पर सिमेज कॉलेज में दुर्गा सप्तशी पर आधारित ‘पुरूलिया छऊ नृत्य’ का कार्यक्रम आयोजित हुआ | इस कार्यक्रम का आयोजन सिमेज तथा स्पीक मैके के संयुक्त तत्वावधान में किया गया | इस अवसर पर पुरूलिया छऊ नृत्य के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकार श्री तमल कान्ति रजक तथा उनकी टीम ने अपनी कला से उपस्थित लोगों को झूमा दिया | उनके दल में उनके साथ 12 छऊ नृतक तथा 4 संगीतकार शामिल थे | उन्होने पुरूलिया छऊ नृत्य का प्रदर्शन किया और उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया | इस कार्यक्रम को प्रस्तुत करने के लिए पुरूलिया छऊ नृतकों तथा संगीतकारों का दल पुरुलिया – पश्चिम बंगाल से आया था |
इस अवसर पर उन्होने दुर्गा सप्तशी पर आधारित ‘महिषासुर मर्दिनी’ नृत्य का मंचन किया तथा उपस्थित जनसमूह की वाहवाही लूटी | इस अवसर पर तमल कान्ति रजक के साथ कलाकार गोपाल महतो ने ढ़ोल पर, साधू महतो ने धमसा, निरंजन सहीस ने शहनाई, अमृत बौरी ने तासा पर अपनी संगत से नृत्य नाटिका में चार चंद लगा दिया | वहीं कलाकारों में कृतन बागड़ी ने गणेश जी बनकर, काशीनाथ महतो ने भगवान कार्तिक तथा अंबरीष महतो ने भगवान कार्तिक की सवारी मोर बनकर, सुकुमार साहिश ने भगवान शिव, फाल्गुन साहिश ने माँ दुर्गा एवं कल्याण महतो ने माँ दुर्गा की सवारी शेर बनकर, कनाई साहिश ने विष्णु जी तथा आकाश साहिश ने माँ लक्ष्मी बनकर अपने नृत्य-नाटिका से दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरी | वहीं कार्तिक साहिश ने महिशासुर, अजित महतो और अचितन्य महतो ने असुर की भूमिका के साथ न्याय किया और नृत्य-नाटिका में आसुरी शक्तियाँ देवताओं के साथ युद्ध करते हुये पराजित हुये और मृत्यु को प्राप्त हुये |
‘महिषासुर मर्दिनी’ नृत्य नाटिका की शुरुआत ‘भगवान गणपति’के आगमन से हुई, जिन्होने अपना नृत्य प्रस्तुत किया | उसके पश्चात मोर पर सवार भगवान कार्तिकेय पधारे | तत्पश्चात महादेव शिव का आगमन हुआ | उनने लड़ने राक्षसों की टोली आई | उसके पश्चात त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश ने नृत्य नाटक प्रस्तुत किया | उसके पश्चात देवी दुर्गा का सिंह पर आगमन हुआ और अंत में उन्होने दानव महिषासुर का वध किया | पूरे नृत्य नाटक के दौरान कलाकारों ने सुर-ताल तथा नृत्य का अद्भुद संगम प्रस्तुत किया और सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया | इस दौरान छात्रों ने तालियों से कलाकारों की प्रतिभा को सराहा |
इसके पूर्व सिमेज के निदेशक डॉ. (प्रो.) नीरज अग्रवाल ने अतिथियों का कॉलेज में स्वागत किया | उन्होने छात्रों को संबोधित करते हुये कहा कि भारतीय क्लासिकल कला अपने आप में विशेष है और पूरे विश्व में अनूठी है | यह प्रकृति से जुड़ी हुई है | इस अवसर पर सिमेज की सेंटर हेड मेघा अग्रवाल तथा डीन डा.(प्रो.) नीरज पोद्दार तथा स्पीक मैके के बिहार के स्टेट कोर्डीनेटर मनीष ठाकुर भी मौजूद थे | इस अवसर पर कॉलेज के छात्र तथा सभी शिक्षक एवं कर्मचारी भी मौजूद थे | छात्रों ने कार्यक्रम की भरपूर तारीफ की और खूब आनंद लिया एवं प्रश्नोत्तर के माध्यम से अपने सवालों को पुछ कर अपनी जिज्ञासा शांत की |